एक महिला अध्यापिका को शायरी का भूत लगा और बच्चो को शायराना अंदाज में पढ़ाती है।
देखे- संसोधन अपेक्षित
अ होता आम लिखकर फिर, श से शिमला लिखो बच्चो।
उठाओ अब कलम कागज जरा इमला लिखो बच्चो ।।
क से हम हैं कलम लिखते,भ से भारत, ह से हिन्दू
ख से खरगोश बनता है, ग से गमला लिखो बच्चो।।
पहन कर हाथ में जिसको, समय तुम को बताते है ।
घ से बनती घड़ी है वो, व से विमला लिखो बच्चो।।
छुपाये जो छुपाने दो,मगर तुम बात सच कहना ।
चली गोली मरे सैनिक, ह से हमला लिखो बच्चो।।
पढ़ाने दूर से आई, किये श्रृंगार मैं सोलह।
अगर सुन्दर लगूँ तुमको, तो इक जुमला लिखो बच्चो।।
अखंड गहमरी
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