एक रचना-:
बना कर आज इक तस्वीर, भारत की दिखाता हूँ।
कहॉं किसका करें दर्शन, सभी को मैं बताता हूँ।
करें बरफानी का दर्शन सभी कश्मीर में जा कर
बसी कटरा में मॉं वैष्णो, करो दर्शन मिलेगा वर ।।
जिसे सब भगवती जाने वो विन्ध्याचल में रहती हैं
लुटाती प्यार वो अपना , सभी के मन में बसती हैं
अधोध्या राम की है भूमि, तुम्हें महिमा सुनाता हूँ
बना कर आज इक तस्वीर, भारत की दिखाता हूँ।
न कामाख्या कहो उनको, सभी जन मॉं उन्हें माने
असम के साथ गहमर में, बिराजे ये सभी जाने
जहॉं पिताम्बरी देवी, रहे दतिया उसे कहते
बसी मॉं शारदा मैहर, जहॉं आल्हा भी हैं रहते।
किशन पैदा हुए मथुरा,चलो उनसे मिलाता हूँ।।
बना कर आज इक तस्वीर, भारत की दिखाता हूँ।
जरा तुम कालिका मिल लो जाकर कोलकाता अब
उड़ीसा में बसी विमला कहो भक्तो चलोगें कब
उमा सीता रहे मिथिला, शिवानी रामगिरि रहती
चलो अजमेर पुष्कर तुम यही मॉं गायत्री कहती
नमन सब देव को मेरा, चरण में सिर झुकाता हूँ
बना कर आज इक तस्वीर, भारत की दिखाता हूँ।
बसी हरिद्वार मेंं मंशा, पहाडी चढ़ के जाना है।
लगाने भोग बाला को तुम्हें तिरुपति भी आना हैं।
न कोई धर्म हिन्दू सा, न कोई देश भारत सा।
जहाँ हर कोने में भगवन, कही दर्शन के तू सुख पा।
चलो मिल करे दर्शन, टिकट मैं भी कटाता हूँ।
बना कर आज इक तस्वीर, भारत की दिखाता हूँ।।
अखंड गहमरी गहमर गाजीपुर।।
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