जिद पर अड़ी अपनी गजगमिनियॉं को अपनी कंगाली हालत बता कर तौहीन नहीं करना चाहता था। वैसे भी प्रेमिकाओं के आगे मेरी रेपोटेशन अच्छी नहीं है। मेरे प्रेम तो ऐसे टूटते है, जैसे मंन्दिरो में मन्नत के नारियल। कल से वो 7 सितारा होटल में मेरे साथ मुर्ग-मुस्लम खाकर पापिंग डान्स करने की जिद किये बैठी थी। काफी देर बातो में विश्व की सैर तो करा कर उसे अपने कांगल बैंक का ही आटा खिलाना चाहा मगर वह कहॉं मानने वाली थी। प्रेम के आगे हार कर चल तो दिया मैं लुटेरपुर 7 सितारा होटल की तरफ उसके गले में हाथ डाले, मगर अभी दिल्ली दूर थी। प्रेम के समुन्दर में गोता लगाते हुए मैं संभावित विकल्प तलाशते चला रहा था। तभी बैंड बाजे की आवाज सुनाई दी, शायद नये जमाने की बारात थी। स्त्रियॉं अर्धनग्न जिस्म प्रदर्शन के साथ-साथ हाथो में जाम और सिगरेट के घुँए छोड़ते अपने अपने साथ्ाी से लिपटती थिरकती जा रही थी। मैने भी आव देखा न ताव,अपनी गजगमिनियाँ को खीचते पहुँच गया, नागिन डान्सरों के बीच। एक दूसरे के आँखो में आँख डाले पोपिंग पोपिंग डाँन्स करने। मेरे नागिन डान्स के आगे सब फेल, वैसे भी कोई गहमरी से मुकाबला करें हो नही सकता। बड़ी तालियाँ बजी, फ्लैश लाइटे चमकी, बारात मेरी कम गजगमिनियाँ की दिवानी अधिक हुई सब गजगमिनियाँ के हाथो में हाथ डाल कर चलना चाहते थे।
अब हम भी बारात का हिस्सा हुऐ चल दिये शानदार भोजन महल की तरफ। कोई समझता हम वर तो कोई समझता हम कन्या पक्ष के नव ब्याहे युगल हैं। समझता भी क्यो नहीं मेरे जमाने में तो सिन्दूर रेखा की तरह नहीं बिन्दु की तरह लगाकर जुल्फों की छाँव में छुपा दिया जाता है और चुडियाँ तो बस एक ही काफी से भी अधिक है। कुऑंरी और विवाहिता में अन्तर विवाह संस्कार जैसे मौको पर गहनों के बोझ से ही समझा जा सकता है। छपाक ! मेरी खाने की खुशी समाप्त। किसी ने अपने मसाले लगे हाथो से पानी का गिलास मेरी तरफ उछाल दिया। मेरे झामलाल धोबी से उधार मॉंग कर पहने हुए सूट की तेरही हो गई। मैंने गुस्से से उस तरफ देखा जिधर से गिलास आई थी। अगले ने हड़वडाते हुए कहा स्वारी जेैन्टलमैंन, मैंने यूज एंड थ्रो गिलास को डस्ट बिन में फेका, निशान चूक गया, और आप के कपड़े खराब हो गये''। मैने मन ही मन बडबड़ाया'' गुस्साया मगर संभल कर बोला ओके ओक मैं कोई बात नहीं, हो जाता है, गलती आपकी नहीं हवा की और मेरे बदन की है जो आपके गिलास और डस्टबिन के बीच आ गया। मेरी गजगमिनियॉं अभ्ाी तक खाने में व्यस्त थी, उसे जाते ही बोली आज लोगो को पता नहीं कैसे किधर क्या फेंकना चाहिए, बताओं आपके इतने मँगहें कपड़े खराब हो गये। मैने अपनी गजगमिनियॉं से प्यार से बोला ऐसा नहीं जानेमन, हो जाता है, आदमी प्रयोग के बाद हर चीज फेकता तो दूर ही है मगर फेकी चीज किसी दूसरे से लिपट जाती है। अब तो जमाना ही यूज एंड थ्रो का है, कहॉं तक लड़ते फिरोगी। तुम पागल हो नहीं जानते है, कुछ लोगा अपने आपको बहुत बड़ा समझते है, एडवॉंस समझते है इस लिए हरकत कर जाते है, गजगमिनियॉं गुस्से में बोली।
मैं समझ चुका था कि अब मेरी यह प्रेमिका राज खोलवा कर ही दम लेगी, कि हम बेगानी शादी में अब्दुल्ला दिवाना है, बिन बुलाये मेहमान है। मैने कहा सुनो डालिंग मैनें उसे समझाने की दुबारा कोशिश की, देखती नहीं मैं जिससे कोई काम लेना होता है उससे बहुत प्यार करता हूँ, सैकड़ो बार फोन करता हूँ, मगर काम निकल जाने के बाद या कोई उससे अच्छा मिलने के बाद उसे याद रखता हूँ , नहीं न। कितनो को याद रखॅू, कितनो को साथ रखूँ, उसी तरह आदमी पानी पीने के बाद यदि गिलास को अपने पास रखेगा तो कितना रखेगा। वह तो फेंकेगा ही अब अलग बात है कि वह किसी उपर गिरे या कचरे के डिब्बे में और फिर गलत जगह गिर पड़े तो अंग्रेजो का बनाया '' स्वारी'' शब्द तो जिन्दाबाद है ही। चलो अपने उदास से चेहरे को ठीक करों हम चलते है लुटेरपुर 7 सितारा होटल में, डिनर करेंगें, बॉंहो में बाँहें डाल पापिंग पापिंग डान्स करेंगें एक दूसरे को प्यार करेगें। मुझे कही नही जाना है मैं चली अपने घर। चलो मुझे घर छोड़ो। मैं तो यह सुन कर खुशी से उछल पड़ा है रब ने मेरी पुकार सुन ली। मैने मन ही मन लवगुरू को प्रणाम किया, धन्यवाद दिया और उदास मन से कहा '' चलो जैसी तुम्हारी इच्छा'' मैं तो सीट भी रिर्जव करा दिया था होटल में। इस बारात ने सारा मूड खराब कर दिया। इसके पहले वह कुछ कहती या मूड बदलती मैने तेजी से आटो रोका, नबाबगंज।
अखंड गहमरी, गहमर गाजीपुर।।
बुधवार, 4 अगस्त 2021
जिद पर अड़ी गजगमिनियॉं
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