पहन गहने सभी सजते, न होती पर चमक उनमें।
सजाे तुम जुल्फ़ से अपनी, सजो लब नैन पर्वत से।।
तुम्हें जाना नही मैनें, न तो देखा कभी तुमको।
मगर ऐसा लगे मुझको, कभी हम साथ चलते थे।।
लगा लो आग तन मे इस, कदर आखो से तुम मेरी ।।
छिड़क फिर प्यार के दो बूँद, बुझाना आग अपनी तुम ।
तुम्हारी लाल हैं आखें, बदन अंगार सा तेरा।
मिटाओं चाह मत उसकी, उसे आज जलने दो।।
लगा लो आग तन मे इस, कदर आखो से मेरी तुम
छिड़क कर प्यार के दो बूँद, बुझाना आग तुम उसकी ।
लिटा कर आज फूलो पर, तुम्हें मैं चूम ने आया।
चलो आगे बढ़ो लब को, करो आजाद तुम अपने।।
खुशखबरी, खुशखबरी, खुशखबरी
मैनें आप सब के लिए एक नया प्रशिक्षण केन्द्र प्रारंभ किया है।
झगड़शाला
यहाँ आप को सिखाया जायेगा झगडे करने के तरीके
जैसे कैसे आप किसी से झगड़ा कैसे करें। यदि दूसरा झगड़ा नहीं करना चाहता तो आप कैसे उसे झगड़े के लिए तैयार करें। गालीयॉं कौन कौन सी कब, कहॉं ,कैसे देनी चाहिए। जब सामने वाला झगड़े में आपसे 20 पड़े तो क्या करना चाहिए। झगड़े में ऐसा कौन-कौन सा काम करना चाहिए जिससे आप सारी रात चैन से सो सके और दूसरा सारी रात परेशान रहे। जैसी तमाम बाते आपको सिखाई जायेगीं।
जल्दी करें स्थान सीमित है
नोट- अपनी वाइफ होम से झगड़ा करना सीखने वाले आवेदन मत करें पहली बात तो उनको सलाह दी जाती है कि लाकडाउन में होटल, रेस्ट्रोरेंट मित्रों के दरवाजे सब बंद हैं, रोटी के लाले पड़ जायेगें।
दूसरी बात आज तक मैं वाइफ होम के आगे बोल कर नहीं जीत पाया, सारे दिमाग की दही बनाने में वह देर नहीं करती तो आपको क्या सिखा पाऊॅगा घर में रहे प्यार से रहें*
तो जल्दी करें सम्पर्क करें* या मिले लडाका दी ग्रेट अखंडा नंद से 9451647845
मंगलवार, 3 अगस्त 2021
झगड़शाला और कुछ शेर
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