मंगलवार, 3 अगस्त 2021

चाहत

 चाहत एक ऑनलाइन  हिन्दुत्व पर पत्रिका एवं यूट्यूब चैनल की।
कारण-: आज की युवा पीढ़ी जानकारी के अभाव में हिन्दुत्व से दूर हो रही है, अपने धर्म व संस्कृति से दूर हो रही है। उनको उनके तरीके से जोड़ने एवं धर्म की भ्रांति दूर करने के लिए। उन्हें बताने के लिए कि प्राचीन शिक्षा व्यवस्था, आयुर्वेद, और खूबसूरती, मनोरंजन सब हमारे हिंदू धर्म में पश्चिमी संस्कृति एवं अन्य धर्मो से अधिक है ।
👉 पहले से ऐसी पत्रिका और चैनल है तो फिर इसमें नया क्या और क्यों

जवाब सब कुछ पहले से है मगर बिखरा-बिखरा और कहीं आधा-अधूरा l यही कारण है कि यह  आज की  युवा पीढ़ी को लुभा नहीं पा रहा है, आकर्षित नहीं कर पा रहा है। और नेट पर खोजें या सर्च करें  हिन्दू पत्रिका के नाम से तो मिलेगा भी कम  *डॉक्टर प्रभात पाण्डेय सर ,कांति माँ के अंदाज़  में धर्म को आधुनिकता की चासनी में नव पीढ़ी को ऐसे डुबाने का प्रयास करेंगे कि  आधुनिकता की दौड़ में भटकती वर्तमान पीढ़ी का उचित मार्ग-दर्शन किया जाए और वे अपनी जाति व धर्म पर गर्व करें l
कैसे शुरू हो पत्रिका
(01) साइट को तैयार करने में लागत
(02) डोमेन और होस्टिंग की खरीद।
(03) भारत सरकार के MSME में रजिस्ट्रेशन ताकि कोई पत्रिका और पत्रिका से जुड़े लोगों  को अवैध न कहे, प्रेस कार्ड जारी कर सके।
(04) पत्रिका का प्रधान कार्यालय जहाँ होगा वहाँ के , जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी, सूचना अधिकारी को सारी सूचना पत्र पर एवं प्रत्येक राज्य के धर्माथ कार्य मंत्री, कैविनेट मंत्री को  पत्रिका प्रारंम्भ होने  की सूचना।
 *हर कानूनी कार्यवाही ताकि वैधता पर प्रश्नचिन्ह न लगे *
पत्रिका में रहेगा क्या
(01) किसी अन्य धर्म द्वारा हिंदू धर्म पर लगाए  गए आरोप, कहे गए अपशब्द, भ्रांतियाँ व उनका जवाब, देवी-देवताओं, क्रिया कलापों का जवाब।
(02) हिंदू धर्म में पूरे भारत के हर कोने में होने वाले छोटे-बड़े त्यौहारों व व्रतों की जानकारियाँ, उनके पीछे की कहानियाँ उनको करने के तरीके, उनमें लगने वाले सामान, कब मनाया जाता है। सभी बातों की सम्पूर्ण व सटीक जानकारी उपलब्ध होगी l
(03) हिन्दू धर्म के भारत में स्थित सारे तीर्थ स्थलों की पूरी जानकारी कब पहुँचे, कैसे पहुँचे, क्या करे ना करें, यहाँ तक कि ऑनलाइन दर्शन के नम्बर की व्यवस्था भी इसमें होगी ।
(04) हिन्दू धर्म के अन्तर्गत होने वाले पूरे देश के मध्यम व बड़े आयोजनों  की पूर्व सूचना, कार्यक्रम की रिपोर्टिंग, संभव हो तो ऑनलाइन प्रसारण भी l इसके साथ प्रतिदिन की ज्योतिष, राशिफल सूचना
(05) भारत के हर कोने में बसे प्राचीन मंदिरों की विस्तृत जानकारी, तस्वीर, वीडियो।
(06) हिंदू धर्म की अलग-अलग जातियों की सभ्यता, संस्कृति एवं  उनके क्षेत्र में होने वाले विशेष संस्कार, मान्यता, आयोजन की पूरी जानकारी।
(07) हिंदू धर्म की  व्रत कथाओं  की  यथा संभव  किताबों का पी.डी.एफ, एवं वाचन वीडियो।
(08) आयुर्वेद व प्राचीन शिक्षा पद्धति, की विस्तृत जानकारी।
(09) इतना ही नहीं इसके अतिरिक्त  लेखन/ऑडियो व वीडियो के रूप में।
*कैसे शुरू हो पत्रिका *
(01) इसके लिए हमें सबसे पहले ऑनलाइन कामर्शियल यूज वेब सर्वर खरीदना होगा जिसकी कीमत आज 15803 रूपये चार साल के लिए कुछ टूलकिट और एक अच्छी सी थीम  खरीदनी होगी, जिसमें कुल खर्च लगभग *25000 आएगा चार साल का.काम होने पर खर्च बढ़ते घटते हैं इस लिए हमने 30000-32000 हजार का खर्च माना है, इसे तैयार करने में (यह चार साल का खर्च हैl)
(02) भारत सरकार के MSME में रजिस्ट्रेशन ताकि कोई पत्रिका और पत्रिका से जुड़े लोगों  को अवैध न कहे, प्रेस कार्ड जारी कर सके।
(03) इस राशि को पत्रिका के 1 संपादक और 10 पदाधिकारी मिल कर वहन करेगें, जिनको चार साल के लिए 3000 रूपया खर्च का देना होगा।
(04) समस्त पदधिकारी को विशेष इ-मेल, उनके घर जा कर तकनीकी प्रशिक्षण, प्रेस कार्ड, उनके जिले के जिलाधिकारी , जन सूचना अधिकारी और श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष को पत्र भेज कर उनके जुड़ाव की सूचना दी जाएगी। ताकि भविष्य में वह पत्रकारों को मिलने वाला लाभ उठा सकें।
पदाधिकारी बनने की योग्येता
*यह एक हिंदू धर्म पर प्रारंम्भ होने.वाली आनलाइन के पत्रिका का समूह हैं। इससे केवल वही जुड़े जो संचालन में रहना चाहे.पदधिकारी  3000 रूपये चार साल  या सदस्य 1500 रूपये चार साल के रूप में रहना चाहें।
नोट
*रूपया चाहे कोई 3 हजार की जगह 300 हजार दे या 15 सौ की जगह 15 हजार करोड़ दे वह पदाधिकारी या.सदस्य तब तक नही बन सकता जब तक
👉सीने में हिन्दुत्व की आग।
👉हिन्दू धर्म के लिए कुछ कर गुजरने का जूनून।
👉और कम से कम पत्रिका को 30 मिनट देने की क्षमता।
👉और सहयोगीयों पर भरोसा करने की आदत न हो।
👉पत्रिका को शेयर एवं प्रत्येक सप्ताह एक आर्टिकल या.जानकारी या शेयर न दे सके
वह पदधिकारी व सदस्य नहीं बनेगें।
हिन्दुत्व पर दस कदम
नियम पढ़ कर जुड़े और जुड़ते ही 9451647845 पर बात करें
पहली बार के बाद चार साल तक कोई धन नहीं देना होगा
अगर मेहनत और इश्वर का आशीर्वाद रहा तो चार साल के बाद पत्रिका खुद इस स्तर पर होगी कि अपना रिनिवल भी करा लेगी और सारे खर्च भी उठा लेगी
पदधिकारीयों के कार्य
यहाँ एक शब्द में सभी के कार्य यह होगें कि वह घर बैठे अपने और अपने लोगो से आर्टिकल भेजवायें..उन्हें सोशलमीडिया के द्वारा लोगो तक पहुँचाये.और अधिक से अधिक लोगो को जोड़ते हुए हर जिले में अपना प्रतिनिधि बनाये। और खुद को पत्रिका के पदाधिकारी के रूप में अपने शहर  में स्थापित करें दौड़ भाग करने, जगह जगह जा कर फोटो, जानकारी इकट्ठा करने एवं वहाँ की डाकुमेंटरी वीडियो बनाने के लिए एक चार लोगो की टीम बनेगीं
यह बाद की बात होगी
घर से बाहर नहीं जाना होगा
पदधिकारी को
वेबसाइट पर , यूट्यूब पर पोस्ट करना, वीडियो एडिटिंग, इत्यादि का प्रशिक्षण दे देगें हम
पत्रिका, अंग्रेजी और कुछ वह प्रान्तीय भाषा जिसके बोलने सुनने वाले अधिक हैं
उसका एक अलग सेकशन हौगा
डरे मत आगे आवें
आप अगर नौकरी में, व्यवसाय में हैं तो भी आपको संविधान अधिकार देता है अपने धर्म, अपनी संस्कृति अपनी सभ्यता के प्रचार प्रसार का, उस पर लिखने का, उसे फैलाने का
आप दूसरे के धर्म का विरोध तो कर नहीं रहे हैं, अपने धर्म की जानकारी सबको दे रहे हैं

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