किसी भी गाँव या शहर के कुल मतदाताओं की संख्या में अधिकत्म 9.99 प्रतिशत पड़ीपाई, तिरछी पाई, उल्टी पाई, यानि भजपाई/सपाई/काँग्रेसाई/बसपाई/और अन्य पाई होते हैं। .1 प्रतिशत पदाधिकारी जिसमें सासंद/विधायक/जिला पंचायत सदस्य/प्रधान और अन्य पदाधिकारी होते हैं। ये महज 10 प्रतिशत पड़ीपाई-,तिरछी पाई/ जिनके आगे और शब्द लिखा जा सकता है, जैसे ''भाजपाई-सपाई या काँग्रेसाई/बसपाई'' समझते हैं कि हम 90 % खड़ीपाई के भाग्य विधाता हैं। जबकि यह नहीं जानते हैं कि जहाँ खड़ीपाई (।) लग गई वही अक्षर,शब्द तो दूर वाक्य भी समाप्त हो जाता। और आप खड़ीपाई (।) को कम आक रहे हैं। आप भूल रहे हैं कि जिस दिन यह 90% खड़ी पाई सर उठा कर चल दी, उस दिन आप 9.99% खिचड़ी पड़ी और तिरछी पाई को जहनुम तक भागने की जगह नहीं मिलेगी। इस लिए गहमर के 9.99% खिचड़ी पड़ी और तिरछी पाईयों गहमर रेलवे स्टेशन को जिस प्रकार रेलवे शिकार बना रही है, अभी भी वक्त है 90% खड़ीपाई के साथ हो जायें, नहीं तो आप को यह 90% खड़ी पाई उठा कर फेंक देगी और तब फिर मत कहना कि ऐ अखंड गहमरी तुमने समझाया नहीं बताया नहीं। और तो और आगामी पंचायत चुनाव के प्रत्याशी लोग भी कान खोल कर सुन लें कि आपके नाले सफाई, अधिकारियों से बात, प्रधान पर जाँच और मुर्गी बोतल के भंडारा से भी यह 90% खड़ीपाई बरगलने वाली नहीं।
आप खूब मुर्गा मीट भऊरी चोखा खिलाईये, जब आप खिला रहे हैं तो हमको खाने में क्या दिक्कत, हम तो कबार के खायेगें, दो की जगह 6 पीस खायेगें, आपके घर से खा कर उठे और दूसरा बुला दिया तो रघु मेडिकल स्टोर से हाजमोला खरीद कर खा लेगें फिर आपका भी खायेगें , मगर आप यह न समझ लेना कि आप ने रोटी और बोटी पर हमें खरीद लिया। हम फौजियों के गाँव के नहीं उनके घर की चारदिवारी के अंदर रहने वाले उनके बाप/चाचा/भाई/बेटे हैं। बोटीयों पर बिकते नहीं बोटीयाँ कर के चील-कौवो को खिला देते हैं। इस लिए आज जब गहमर क्षेत्र के मान-सम्मान की बात आ गई है तो अपने स्वार्थ और अपने नीजी हितो को छोड़ कर 90% खड़ीपाई के साथ आ जाये तभी आप उनके दिल में जगह बनायेगें नही तो जैसे आप आज दूर से '' लग्गी से पानी पिला रहे है 90% जनता भी कह देगी, ''राम-राम चुल्हा, सलाम भाई लकड़ी'' ।
मंगलवार, 3 अगस्त 2021
खड़ी पाई ह
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