भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति के बयान पर अखंड गहमरी काफी खुश है, बहुत खुश । जानते हैं आप अखंड गहमरी को? नहीं न ? जान लीजिए श्रीमान ,वो महान साहित्यकार, महान पंडित , महान चम्मच अखंड गहमरी मैं ही हूँ। आप नमस्कार नहीं करेगें? मत करिये। क्योकि आप आज बयान पर हल्ला मचा रहे है। मचाईये हल्ला, आपकी कौन सुनेगा। हा हा हा हा, आपके अपने लोग भी आपकी बात नहीं सुनेगें। देख नहीं रहा हूँ मैं , कुछ विरोध तो कुछ समर्थन, कुछ के भाषा पर एतराज। पर सब तो मेरी सुनेगा। मैं तो उनके हौसले की दाद देता हूँ। एक तरफ देश का राष्ट्रपति बैठा हैै, प्रधानमंत्री बैठा है और न जाने कौन कौन बैठा है, जो भारत के संविधान को तो छोड़ीये भारत का इतिहास और भूगोल दोनो बदल दें और उसने सामने यह बात। एक बार फिर उनके कलेजे की दाद दे रहा हूँं। आपको नाराज होना है हो जाईये। जितना होना है हो जाईये।
मैं उसकी जितनी तारीफ करूँ कम है। वह जानता है कि अब तो मेरे लिए इस देश में केवल एक पद ही बचा है। वो है महामहीम, मगर वर्तमान हालत को देख कर तो यही लगता है कि 72 हूरो को पाना आसान है मगर वो क्या नाम है राष्ट्रपति भवन का? हॉं रायसीना हिल तक पहुँचना आसान नहीं, असंभव जैसा है। अब तो अपनो का सहारा है, तो चाहे 86 प्रतिशत नाराज हो जाये तो हो जाये, मगर मेरे 14 प्रतिशत नाराज न हो। आखिर हसुऑं अपनी ओर ही तो खीचेगा। आप 86 प्रतिशत पर तो आपके लोग ही विश्वास नहीं करते। हमेशा उसके ही 14 प्रतिशत के पीछे पड़े रहते है, चाहे माया बुआ जी हो, मुलायम दादा हो, सोनिया माई हो, लालू ससुर जी हो, या फिर ममता बानरजी हो। नीतिशो ससुर जी भी वही थे, अब गंगा में नहा लिये तो पाप कट गये। वैसे मोदी बाबा भी कम नहीं है इन 14 प्रतिशत वालो के पीछे भागने में हा ये बात अलग है कि उनका प्रतिशत कम है। सब 100 हैं तो वो 59 ही हैं।
दूसरी बात कि आप हिन्दु हैं , हैं न ? तो हिन्दू शांत प्रिय, सद्भभाव प्रिय होता है। भाई भाई से प्रेम रखता है। कोई आकर आपके भाई को मारे,उसके घर को उजाड़े, उसके देवी-देवता दर्शन को रोके, आपके पूज्य स्थलो को अपना बना लें। उसके घर में घुस कर गाली दें, उसकी की मॉं को डायन कहें, पत्थर चला चला कर सैनिको को मारे, उनके सर काटने वालो से हाथ मिलावे,आप हिन्दू कुछ नहीं बोलेगें। आप इतना ही कहेंगें घी कहॉं गिरा, दाल में ही न? जाने दो भाई है।
यही नहीं आप में से कुछ उनका सर्मथन करोगें, उनके समर्थन में स्कूलो में, कालेजो में नारे बाजी करोगें, उनके जैसा घर घर से निकालेगें उनको बचाने के लिए रात में कोर्ट खोलवाओं, मारे जाने पर उनके जनाजे में जाओंगें।
वही देख लो हामिद चचा एडं उनकी मुल्ला कम्पनी को कभी अपनो का विरोध नहीं करती, आतंकवादी उनके रिश्तेदार, पत्थरबाज अबोध, अखलाख महापुरुष, भारत माता डायन, वन्देमातरम और सूर्य नमस्कार बकबास, मानते हैं।
तो अब बताईये जब आप 86 प्रतिशत उनकी चमचागिरी में लिप्त हो तो हमारे हमीद साहब ने क्या गलत किया जो उनके 14 प्रतिशत लोगो के दिमाग में रहता है, जो वह कहना चाहते है, और कहते भी हैं समय समय पर वह उन्होनें देश के सर्वोच्च स्थान से सर्वोच्यों के बीच में कहा दिया, और अपनो के अपने हो गये, और आप तो मक्खन लगा कर दोनो तरफ चिकना बना चाहे, मगर जब हाथ से निकल गया तो चिल्लाने लगे।
आप कैसे सह सकते हैं कि जिसको मतलब जिन मुसलमानों को अपना बनाने के लिए आप दिन रात मरे जा रहे है, जिनके कदमो में सर रखने को तैयार हैं उनको आपसे काेई और छीन लें जाये।
आप इस लिए हमीद जी से नाराज हैं और मेैं खुश कि उसने आप सेकुल्ारो को दिखा दिया कि सॉंप को कितना भी दूध पिलाओं वह मौका पाकर डसेगा ही। हामिद साहब को गाली देंकर दिल को तस्ल्ली दो भाया, मगर उतना ही जितने में न वोट बिगड़े न मंच, कही महापुरूष अखलाक कांड की तर्ज पर सम्मान लौटाने लगें तो लौटाते रह जाओगें और लौटे सम्मानो से समुद्र पर लंका तक पुल बन जायेगा जाकर आराम से अशोक वाटिका में मीठे फल खाना । विराेध उरोध छोडो और मेरी तरह हामिद का सर्मथन कर मुल्लो से जुड़ो।
अंत में यह कहते हुए कि अगर 50 प्रतिशत भी तुम हिन्दू 14 प्रतिशत का विरोध करते तो राम मंदिर कब का बन गया होता, शरणार्थी काश्मीरी अपने काश्मीर के आवास में जा चके होते, पत्थर बाज पाकिस्तान चले गये होते। 370 विदा हो चुकी होती, जवाहर विश्व विद्यालय के आधे जेल में होते ।
और बटँवारे के बाद यहॉं भौकने वाले जाकर अपने घर में भौकतें।
अब कितनी बडाई अपनी लिखे हम, हामिद साहब को जय राम जी की। अफसोस है मुझे बेचारे अल्पसंख्यक होते हुए भी कहाँ से कहाँ पहुँच गये, मगर आज भी उनको अपनी चारो तरफ से मक्खन से घीरी कौम खतरे में और लाचार आती नज़र आती। मेरे प्यारे उप राष्ट्रपति जी
तो लगाओ नारा तुम विरोध का मैं तो चला कौमी एकता के नाम पर अपनी रोटी सेकनें....
बोलो अखंड गहमरी की जय....नही बोलोगे मत बोलो
मैं ही अपनी जय जय बोलता हूँ.....जय अखंड गह
मंगलवार, 3 अगस्त 2021
हामिद जी
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