मंगलवार, 3 अगस्त 2021

आदरणीया मीरा चौरसिया जी

 

आदरणीया श्रीमती मीरा चौरसिया जी ग्राम प्रधान ग्राम गहमर, जनपद गाजीपुर उत्तर प्रदेश पिन 232327 आपको अखंड गहमरी का प्रणाम। अरे! क्षमा करीयेगा मीरा देवी तो आप का नाम 2015 पंचायती चुनाव के पर्चा दाखिला में था। अब तो आपका नाम मीरा दुर्गा चौरसिया हो गया।
हाँ तो आदरणीया मीरा दुर्गा चौरसिया जी पूरे गाँव में चारो तरफ पानी ही पानी है और आपको चुल्लू भर पानी नहीं मिल रहा है डूब कर मरने के लिए?
वैसे भी आप जिंदा हैं ही कहाँ? आपकी तो मानवीय संवेदनाएं, नैतिकता , कर्मठता सब मर चुकी है। लाज-शर्म सब घोल कर पी चुकी हैं। आप तो बस हाँड-माँस का एक निर्जीव प्राणी जो साँस ले रहा है वह बची हैं।
मुझे तो लगता है आप पूरी तरह अंधी भी हो चुकी हैं। अपने स्वार्थ में, अपने धनोपार्जन अपने लालच में लेकिन यह मत भूलीयेगा कि यह अंधापन आपको ऐसी जगह ले जायेगा जहाँ से लौटना आपके लिए संभव नहीं होगा।
आप को लग रहा होगा न कि आप पिछड़ी जाति की हैं और मैं राजपूत इस लिए बोल रहा हूँ न? लगना भी चाहिए क्योंकि सत्य न सह पाने पर स्वातं संवेदना हेतु कुछ तो आधार चाहिए तो यही आधार सही। एक आधार मैं और देता हूँ आप यह भी कह सकती हैं कि मैं आपके पास चंदा माँगने गया और आपने नहीं दिया यह उसी की खीज है। कोई बात नहीं आप कहें और इसी से संतुष्ट रहें।
आदरणीया मीरा चौरसिया अरे स्वारी मीरा दुर्गा चौरसिया जी गहमर गाँव में आने- जाने, स्टेशन रोड, जिस पर गहमर इन्टर कालेज, बैंक, पोस्ट आफिस जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान हैं, आर एस मेमोरियल से पकड़ीतर जाने वाला रास्ता , गंगा घाट मार्ग हो, सरस्वती शिशु मंदिर से लेकर गंगाघाट आने वाला मार्ग हो चाराे तरफ जल जमाव है। लोग परेशान हो रहे हैं और आप अपने असहयोगो की दुहाई दे रही हैं। वाह रे! आपकी प्रधानी, मुझे तो शर्म आती है आपको प्रधान कहते हूुए जो इतना नीचे गिर चुका है कि उसे अपने जनता की समस्या नहीं दिखाई दे रही है।
अगल लाज शर्म हो तो कभी सुबह और दोपहर में आकर गहमर थाने के पास और आर0एस0 मेमोरियल स्कूल के पास खडे़ हो जाईये, देखीये छोटे छोटे बच्चे कैसे आ जा रहे हैं, कैसी बूढे व्यक्ति, बूढी महिलाएं आ जा रही हैं। कैसे स्टेशन से उतर कर लोग जा रहे हैं। मेरी चिंता मत करीयेगा मेरे पास तो आपकी तरह वो बअअड़ी वाली गाड़ी नहीं लेकिन बाइक है मैं तो 10 बार भी आराम से आता जाता हूँ परन्तु अन्य लोगो को देखीयेगा कैसे झेलते हैं। आर एस मेमोरियल स्कूल के पास,जरही स्कूल के पास और जल जमाव से महीनो से बंद पड़े राजकीय कन्या विद्यालय के पास खड़े हो कर देखीये शर्म आती है क्या? मेरा दावा है कि आपको शर्म नहीं आयेगी, क्योंकि आपके अंदर मानवता-संवेदना ही नहीं है वो तो शपथग्रहण के साथ ही मर चुकी है। अगर जिंदा होती तो आपके पास फंड है, मशीन चला कर , आदमी रख कर सफाई कराई जा सकती थी। फंड नहीं होता तो वीडीयो से लेकर जिलाधिकारी तक आप रौंदतीं । पर यह तब होता जब मन में कुछ करने की शक्ति हो। मन में विकास की चाह हो, मन में कुछ कर गुजरने की क्षमता हो, मन में कुछ न कर पाने की पीड़ा हो। मन में यह पीड़ा हो कि हमारे गाँव की बच्चीयाँ महीनो से स्कूल नहीं जा पा रही हैं। मीरा देवी जी गहमर एक ऐतिहासिक महत्व का गाँव है, आप जैसे निष्कृय प्रधानो की वजह से आज यह जहाँ के हालात बुरे सी भी बुरे हैं । चारो तरफ समस्याओं का बोल बाला है, वह भी समस्याएं जो दैनिक जीवन में सीधे प्रभाव डालती है।
आप कहती है कि आपके पास सफाई कर्मी नहीं हैं, क्यों नहीं आप शासन पर दबाब बनाती है? कि यहाँ सफाईकर्मी आकर व्यवस्था को ठीक नहीं करेगें तो मैं पूरे गाँव को लेकर सड़क पर आ जाऊँगी। क्योंकि नहीं आप शासन पर दबाब बनाती है कि यदि गहमर के स्वास्थ केन्द्र में डाक्टर और वहॉं की व्यवस्था सही नहीं हुई तो मैं पूरे गॉंव को लेकर गहमर रेलवे स्टेशन जाम कर दूँगी?क्योंकि नही आप आप शासन पर दबाब बनाती है कि गहमर राजकीय कन्या विद्यालय की हालत में सुधार नहीं हुआ तो मैं गाँव वालो को लेकर धरने पर बैठ जाऊँगी? क्यों नही आप पूरे गॉंव की खुली बैठक बुला कर समस्याओ को रखती हैं ?
आप हर बात में विधायक को दोष देती हैं, आप विधायक की तरफ नज़र उठाती हैं, तो प्रधान जी मैंने भी पंचायती राज एक्ट पढ़ा है, मैने भी विधायक और प्रधान के कार्य पढ़ा है। दोनो के अधिकार और कर्त्तव्य मालूम है। आप को लगता है कि विधायक आपको काम करने नहीं दे रही हैं तो आप जनता के सामने खुल कर कहें। नहीं आप कह भी नहीं सकती क्योंकि आपको पता है हकीकत के धरातल पर आपके आरोप निराधार हैं और आप में इतने छेद हैं कि जरा सी शासन की जाँच आपको सलाखों के पीछे पहुँचा देगी।
आज आप को गहमर केवल एक दुघारू गाय नजर आ रहा हैं । जिसको केवल दूहना है। आप को यह काम दिखाई नहीं देगा। आप तो बस शौचालय में कमीशन, प्राइमरी और मीडिल स्कूलो के मध्यायन भोजन में एन पी आर सी यों पर दबाब बना कर 15 प्रतिशत कमीशन, मनरेगा में उच्चे लोगो को मजदूर बना कर उनके नाम पर बैंक में पैसा, अपने परिवार एंव अन्य ऐसे लोग जो किसी पेशे में नहीं हैं उनके नाम पर चेको का भुगतान में लगी है ना ना ना मीरा चौरसिया जी सोचीयेगा भी मत, मेरे ऊपर किसी प्रकार के कार्यवाही का या मेरी पत्नी को किसी प्रकार परेशान करने के लिए क्योंकि आपके पास अफरात पैसा राजनीतिक पहुँच होगी। मगर मैं जानता हूँ कि वक्त के पहिये को कहाँ और कैसे मोड़ा जाता है। मुझे डर केवल आम आदमी से लगता है सूप से लगता है आप जैसे अंगूरो या चलनीयों से नहीं।
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