एक तो आज सुबह से मेरी वाइफ होम नाराज चल रही थी, बात बात में ताने दे रही
थी, मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था उसकी नाराजगी का कारण, तभी मुझसे एक
गलती हो गई। मुझे अपने साले ब़जेश का एक परिचय पत्र बनाना था। वह परिचय
पत्र मुझे कुछ ही घंटो में उसे भेजना था। मैने सोचा उसका काम जल्दी से कर
दूँगा तो शायद श्रीमती जी की नाराजगी कुछ कम हो जाये, भाई प्रेम के कारण
मेरी मेहनत नज़र आ जाये, चाय पान का बंदोबस्त हो जाये। मगर तकदीर को क्या
कहें, एक फोन आ गया, मैं बातें करता रहा और आई कार्ड बनाता
रहा, बना कर उसे भेज दिया, और अपना काम की फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट कर
दिया। पोस्ट हुए और भेजे दो मिनट नहीं बीते होगें कि मेरी श्रीमती जी का
फोन आ गया। मैं तो खुशी से पागल हो गया कि इतनी जल्दी रिसपान्स मिल गया,
मगर अब क्या बताये, कसम गजगमिनियॉं की, मेरी पत्नी ने फोन पर जो रणचंडिका
का रूप अपनाया जैसे लगा फोन में घुस कर मुझे सैडिंलो से पीट देगी। मैने
कहा कोई बड़ी गलती नहीं है उसे सुधारा दूगॉं। मगर वह कहॉं मानने वाली थी वह
अपने धुन में बोले जा रही थी कि एक तो कोई काम ढ़ग से होता नहीं भैया के
आई कार्ड में नाम लिखा उनका और फोटो लगा दिया गदहे कि और दूसरे कौन सी ऐसी
आफत आ गई जो करवा चौथ की शाम आप ट्रेन में रहोगें।
मैं सफाई पर सफाई दिये जा रहा था कि तुम्हारे भाई की शक्ल और गदहे की शक्ल में खास र्फक नहीं है दोनो फोटो अगल बगल थी, फोन के चक्कर में लग गई मैं उसे सुधार दूगॉं, और ट्रेन में जाना मजबूरी है विदिशा में रेखा आन्टी का प्रोग्राम है, दिन में ट्रेन पकडेगें तभी तो पहुँच पायेगें, मगर वह कहॉं मानने वाली थी आफत मचाये रही, मैं तब तक दूसरा आई कार्ड बना चुका था, ठंडे दिमाग से उसे चेक किया, और उसके दूसरे वाटस्प पर भेजते हुए कहा कि इसको चेक करों, भाई साहब अब क्या बताये वह दूसरा आई-कार्ड देखते ही भड़क हुई, 2 बजे ही स्कूल से चल पड़ी और आते ही अपने चरण पादुका का प्रयोग मेरे सिर पर कर दिया, क्योंकि मैने अपने साले के दूसरे आई कार्ड में तस्वीर गदहे को बदल कर उल्लू की लगा दिया और तो और करवाचौथ वाले दिन का टिकट अभी तक जेब में था, जिसका अर्थ वह अपनी बहनो के साथ्ा मिल कर गलत लगाये जा रही थी. और अब पता चला उसके तीन दिन से मुहफुलौवल का कारण क्या ? हे अल्ला तेरा ही सहारा है।
अखंड गहमरी
मैं सफाई पर सफाई दिये जा रहा था कि तुम्हारे भाई की शक्ल और गदहे की शक्ल में खास र्फक नहीं है दोनो फोटो अगल बगल थी, फोन के चक्कर में लग गई मैं उसे सुधार दूगॉं, और ट्रेन में जाना मजबूरी है विदिशा में रेखा आन्टी का प्रोग्राम है, दिन में ट्रेन पकडेगें तभी तो पहुँच पायेगें, मगर वह कहॉं मानने वाली थी आफत मचाये रही, मैं तब तक दूसरा आई कार्ड बना चुका था, ठंडे दिमाग से उसे चेक किया, और उसके दूसरे वाटस्प पर भेजते हुए कहा कि इसको चेक करों, भाई साहब अब क्या बताये वह दूसरा आई-कार्ड देखते ही भड़क हुई, 2 बजे ही स्कूल से चल पड़ी और आते ही अपने चरण पादुका का प्रयोग मेरे सिर पर कर दिया, क्योंकि मैने अपने साले के दूसरे आई कार्ड में तस्वीर गदहे को बदल कर उल्लू की लगा दिया और तो और करवाचौथ वाले दिन का टिकट अभी तक जेब में था, जिसका अर्थ वह अपनी बहनो के साथ्ा मिल कर गलत लगाये जा रही थी. और अब पता चला उसके तीन दिन से मुहफुलौवल का कारण क्या ? हे अल्ला तेरा ही सहारा है।
अखंड गहमरी
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