रविवार, 15 अक्टूबर 2017

हमेशा राह उसकी देखा, उसने कुछ नहीं बोला
कभी भी जिन्‍दगी के राज उसने क्‍यो नहीं खोला
किसी से प्‍यार करने का नही है हक मुझे लेकिन
न देखू एक दिन उसको, बने दिल आग का गोला।।

अगर वो स्वपन में भी जिन्दगी का ख्वाब कह दे तो...
भुला कर गम सभी अपने, हकीकत में बदल दूगाँ।

न जाने क्‍यों थमी साँसे, अभी तो छॉंव पे हक था।
बुलायूँगा किसे अब मॉं, भवंँर में जब फसूँगा मैं।

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