हमेशा राह उसकी देखा, उसने कुछ नहीं बोला
कभी भी जिन्दगी के राज उसने क्यो नहीं खोला
किसी से प्यार करने का नही है हक मुझे लेकिन
न देखू एक दिन उसको, बने दिल आग का गोला।।
अगर वो स्वपन में भी जिन्दगी का ख्वाब कह दे तो...
भुला कर गम सभी अपने, हकीकत में बदल दूगाँ।
न जाने क्यों थमी साँसे, अभी तो छॉंव पे हक था।
बुलायूँगा किसे अब मॉं, भवंँर में जब फसूँगा मैं।
कभी भी जिन्दगी के राज उसने क्यो नहीं खोला
किसी से प्यार करने का नही है हक मुझे लेकिन
न देखू एक दिन उसको, बने दिल आग का गोला।।
अगर वो स्वपन में भी जिन्दगी का ख्वाब कह दे तो...
भुला कर गम सभी अपने, हकीकत में बदल दूगाँ।
न जाने क्यों थमी साँसे, अभी तो छॉंव पे हक था।
बुलायूँगा किसे अब मॉं, भवंँर में जब फसूँगा मैं।
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