रमा दीदी द्वारा गहमर पर लिखा एक नवगीत
गहमर की माटी
सौंधी सौंधी
खुशबू से महके देखो
इस धरती से होकर गुजरे
माँ गंगा की
पावन धारा ...
चाँद और सूरज
नजर उतारे
आशीष पाए गहमर सारा ......
हवा बजाये ढोल मजीरे
कलियाँ सारी चहके देखो |
कामाख्या माँ इसी गाँव में
आन बिराजी
भाग्य हमारे .....
जिनके आशीर्वाद से
उन्नत गाँव हो रहा
साँझ सकारे ...
धूप दीप से हवा सुगन्धित
दीया बाती लहके देखो |
इस माटी में जन्मे
वीरों ने गहमर का
मान बढाया ....
देश की रक्षा की खातिर
सरहद पर जाकर
वचन निभाया ....
देश प्रेम के
जिनकी आँखों में
अंगारे दहके देखो |
यहीं हुए थे पैदा
गोपाल राम गहमरी
सुनो बताऊँ ...
उनके लिक्खे जासूसी
किस्से पढ़ पढकर
आज सुनाऊं ....
जिनके गीतों
में हिंदी और
भोजपुरी भी बहके देखो |
हरियाली की गोद में
बसे हुए गहमर की
बात है न्यारी ....
हवा चैन की बहे
यहाँ के गाँव गली की
छटा है प्यारी....
सदा करोगे याद
आप कुछ दिन
गहमर में रहके देखो |
रमा प्रवीर वर्मा ..........
गहमर की माटी
सौंधी सौंधी
खुशबू से महके देखो
इस धरती से होकर गुजरे
माँ गंगा की
पावन धारा ...
चाँद और सूरज
नजर उतारे
आशीष पाए गहमर सारा ......
हवा बजाये ढोल मजीरे
कलियाँ सारी चहके देखो |
कामाख्या माँ इसी गाँव में
आन बिराजी
भाग्य हमारे .....
जिनके आशीर्वाद से
उन्नत गाँव हो रहा
साँझ सकारे ...
धूप दीप से हवा सुगन्धित
दीया बाती लहके देखो |
इस माटी में जन्मे
वीरों ने गहमर का
मान बढाया ....
देश की रक्षा की खातिर
सरहद पर जाकर
वचन निभाया ....
देश प्रेम के
जिनकी आँखों में
अंगारे दहके देखो |
यहीं हुए थे पैदा
गोपाल राम गहमरी
सुनो बताऊँ ...
उनके लिक्खे जासूसी
किस्से पढ़ पढकर
आज सुनाऊं ....
जिनके गीतों
में हिंदी और
भोजपुरी भी बहके देखो |
हरियाली की गोद में
बसे हुए गहमर की
बात है न्यारी ....
हवा चैन की बहे
यहाँ के गाँव गली की
छटा है प्यारी....
सदा करोगे याद
आप कुछ दिन
गहमर में रहके देखो |
रमा प्रवीर वर्मा ..........
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