रविवार, 15 अक्टूबर 2017

मोदी चचा राम राम।


येहर त कुल चकाचक हौ, तू आपन बतईह। अभइन बनारस आइल रहल्‍ल त, तोहके मिले गईल रहनी, बकि चचा तोहर त भौकलवे टाइट ह, मरलन स पुलिसिया वाला की टंगरिया आज ले दुखात हौ, उ त राम पियरवा क ढन्‍डई चार गिलास चपली त दरदिया भाग ल ह, अईली त पता चलल कि हमार दरदिया के भागे से पहिलवे तू ही भाग लिहल्‍ल। इ काम तोहार ठीक नाई बा । तनी रहल होता, कचौड़ी जिल्‍ेाबी चपले होता, मोछू का पान अ रमपियरवा क ठन्‍डई पियले होता, बाकी के समझावे तोहके, अइला लुप से लुप से हउ का कहाला, जौने से तू अावे ल असमनवा से। ह उडे वाली जहजिया से, भागी जइब्‍ब। तोहरा पतोहिया कहत रहे चचा कि कि, कि, जाये द, पागल हियय सूसूरी। ये चचा लिख देत बानी , न त उ कही त कुछ ना बाकी रोवे लागी। कहत रहे न, तोहार तारीफे करत रहे, एईसन कवनो बात ना बा, परेशान जिन होख्‍ख। कहत रहे कि चचा जौन हउउव, जेतना बात चुनउवा में कलले रहलन सब करे जात हवन। तनी भुला गईल रहनल ह। त चचा का सही बातिया बा इ कि राम जी के मंदिरी बनने जा रहन बिया, अउरी हउ के के मियवा निकाल देले रहलन स,
घरवा में से, ह काशमीरिया में से बभनन के, तू उनके दुबारा कशमीरवे में मकान बना के दो त हउउव,। अउरी कहत रहे न कि तू जेतना गदरवा हवन स, उनके अ पकिसतनियन के औकतवा जौन उ भूला गई बढनन स याद करावे जा रहल बानी। कहत रहने कि बाबूजी कहन ह कि गंगो माई में अब पानी आई, साफ साफ रहीहन गंगा माई, पानी कम ना होई। जाये द केतना कही हम, कुल ढेर बतिया कहत रहे बाकि हम ढेर त सुनवो ना कईनी अा न बुझवो कईनी की का कहत बडन स।
उहे अखंडवा से बतियावत रहे, दिन भर उ देवर भौजाइ एगो मोबाइल ले लिहनस, अ पिटिर पिटिर कई करीहनस।
कह दे ईला अखंडवा से कुल बतिया तोहके बता दीही।
ये चचा चुनउवा आवत बा तनी शिशिया भेज दिहह, तबे न गाड़ी चली। ही ही ही ही
परनाम जब जात बानी, तनी ठर्न्‍डया मार लीही। तू हू जा काम धाम देअखअ।
गोड लागी।।

अखंड गहमरी

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