यहाँ सब मजे है, ऐश है, खाने पीने की भी दिक्कत नहीं है। सबसे खुशी की बात तो यह है कि यहाँ कोई जिम्मेदारी, कर्तव्य -पालन, या काम की चिंता नहीं है। बस खाना, सोना और धरती पर हो रहे तमाशों को देखना ही काम है। कल यहाँ यमराज ने एक बैठक किया था, बैठक में उन्होंने आत्महत्या के बदलते रूप पर खुशी जाहिर की, उन्होनें कहा कि सभी आत्महत्या करने वाले मेरे भाई-बहन वही पुरानी परम्परागत सुसाइड नोट लिख कर आत्महत्या करते थे, जिसे न कोई देख पाता था, न सुन पाता था, उसे संभाल कर रखना भी बड़ा मुशकिल था। अब बदले जमाने के साथ मेरे आत्महत्या करने वाले भाई बहन भी बदले, उन्होनें अब जीवन लीला समाप्त करने के कारणों की चलचित्र बना कर सोशलमीडिया पर सबको दिखा कर जीवन लीला समाप्त करने का शुभ काम शुरू कर दिया हैं। चचा उन्होनें बक्सर के जिलाधिकारी को गाजियाबाद में और गाजीपुर के एक ब्राह्मण देव को करन्डा में वीडियो बना कर आत्महत्या करने के लिए सम्मानित भी किया। चचा बैठक में तो बहुत मज़ा आया लेकिन आप का एक पागल भतीजा अखंड गहमरी भी यहाँ पहुँचा हुआ है, अपनी आदत से बाज नहीं आया, लगा बक बक करने। आत्म हत्या करने वालो को कायर, भगोड़ा और न जाने क्या क्या बताने। सबने समझाया तो लगा चिल्लाने कि ये भागते है अपने कर्तव्यों से, जिन्दगी से,ये क्यों नहीं सामना करते कठिनाईयों का,समस्याओं का। किस के दम पर छोड़ आते हैं वे बूढ़े माँ-बाप को? अपने बच्चों को,अपनी पत्नी को? ये उन्ाको किस कसूर की सजा देते हैं, क्या उनका कसूर यही है कि वो प्यार करते हैं इनसे? कभी सोचते हैं ये कि क्या होगा उनका, उनको समाज ताने मिलेगें, क्या होगा उनका? दर-दर की ठोकरें, समाज के ताने मिलेगें, उनकी पत्नी तन को भेदने वाले समाज की निगाहें सहेगी। चचा हद तो तब हो गई जब उसने आत्महत्या करने वाले भाईयों को कायर बता दिया। कहा कि कायर ह़ तुम सब, जो चुनौतीयो का सामना नहीं करते कलंकित करते हो, मानव जीवन का अपमान करते हो इस प्रकार की बातें करके वह पूरा माहौल खराब कर दिया, यमराज तो यमराज, इन्द्र भी उस पर नाराज हो गये। खैर चाचा आप सबका ख्याल रखीयेंगा, और जिस रस्सी से मैं झूल गया था, उस रस्सी के साथ कुछ नया कीजिएगा, जिससे फिर कोई रस्सी पर झूलने की इच्छा न जाहिर करें। चलता हूँ लग रहा है उस सिरफिरे को कोई सजा दी जा रही है, और एक मेरे विभाग का आदमी नीचे से आ रहा है।आप सदा खुश रहें, स्वस्थ रहें।।चाची जी को भ्ाी मेरा प्रणाम बोलीयेंगा।
मम्मी, पापा,बच्चों और बीबी की बात क्या करूँ, नज़रे मिलाने से भी डर लगता है, क्योंकि मैं उनका बहादुर बेटा, बाप, पति था, जो-------------------------।; प्रणाम,
अखंड गहमरी, गहमर गाजीपुर ।
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