मंगलवार, 3 अगस्त 2021

बघवा कोठी गहमर

 

अंग्रेजी हुकूमत में महान कवि एवं टाइम ऑफ इंडिया के पत्रकार स्वर्गीय कवि श्री शीतल शरण उपाध्याय जी के नाम पर उनका घर बाघ की कोठी बघवा टोला गहमर ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश जो आज जर्जर अवस्था मे अपने अस्तित्व को खो रहा है। एशिया महादीप में सबसे बड़े गांव गहमर में इस कोठी को लैंडमार्क के रूप में जाना जाता है। और आज भी इस पुराने धरोहर रूपी घर के नाम से गहमर गांव का एक पूरा बघवा टोला है।।
अंग्रेजी हुकूमत में जहाँ पण्डित शीतल शरण उपाध्याय जी से  अंग्रेजी सलतनत के पैरों तलो की जमीन खसक जाती है। और अंग्रेजी हुकूमत के बड़े अधिकारियों के रख रखाव व ठहरने के लिए इस विशेष कोठी का प्रयोग उस दौर में किया जाता है। मेरी दादी श्री मति चमेली तिवारी जो पंडित जी की पोती है मेरे दादी के पिता पंडित लाल मोहन उपाध्याय पोस्ट आफिस में कार्यरत थे। उनके स्वर्गवासी होंने के उपरांत इस हवेली एवं  इससे जुड़े लोगों के पतन का दौर चालू हुआ। आज के दिन तक स्वर्गीय बाबा पंडित शीतल शरण उपाध्याय एवं दादी के पिता स्वर्गीय पंडित लाल मोहन उपाध्याय जी द्वारा बनाये गए धन संपत्ति वर्चश्व सब उनके परिवार अगली पीढ़ी द्वारा बर्बाद व बेच दिया गया।।

पूत कपूत त का धन संचय।
पूत सपूत त का धन संचय।।

दादी द्वारा यही कहावत हम हर दम सुनते आए है।। कि अगर पुत्र कपूत होगा तो बड़े से बड़े साम्राज्य का विनाश कर सकता है। अगर पूत सपूत होगा तो उसके पीढ़ी द्वारा उसके संपति न होने पर अपने कमाई द्वारा अपने धन वैभव व बर्चश्व को पा सकता है । आज दिनांक 12- नवम्बर- २०२० को इस परिवार के एक और महान सदस्य पंडित श्री अवधेश उपाध्याय जी का भी देहांत हो गया।। बाबा की तरह ये धरोहर भी एक दिन धराशाही हो जायेगा। मेरे अनुरोध पर पंडित राम प्रकाश उपाध्याय जी के द्वारा इस विशेष इमारत की तस्वीर मिली। इस धरोहर व पुराने यादों को बस इस ब्लॉग पर ही सम्भाल कर रखा जा सकता है ।

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