साहित्यकार सम्मेलन हुए देश के 11 साहित्यकार सम्मानित, बच्चों किया सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुति।
गहमर। साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा प्रसिद्व जासूसी उपन्यासकार गोपाल राम गहमरी की स्मृति में आयोजित 6वे गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन के दूसरे दिन सोमवार को गहमर के विभिन्न स्कूल की बच्चीयों द्वारा लोकनृत्य एवं लोक गायन की प्रस्तुति की गई । कार्यक्रम में लक्ष्मी कुमारी ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कुमारी प्रियंका ने देशभक्ति गीत, ग्रेसी सिंह व ममता सिंह, न 52 गज का दामन डॉंस , सिम्मी सिंह व आशिंका सिंह ने ओ राधा तेरी चुनरी पर नृत्य प्रस्तुत किय वही आयुष्मी सिमरन में भरतनाट्यम प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान गहमर मीरा चौरसिया ने बच्चों को पुरस्कार वितरित करते हुए कहा कि गहमर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है बस जरूरत है उन्हें निखारने की, उन्हें सही दिशा देने की।
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में वर्तमान विधायक सुनिता सिंह के पति परीश्रित सिंह ने देवरिया से आये जनार्दन सिंह को गोपाल राम गहमरी साहित्य प्रेरक सम्मान, आरा बिहार के डा0 कमल कुमार सिंह को गोपाल राम गहमरी काव्य गौरव सम्मान,कार्तिकेय मिश्रा प्रयागराज को साहित्य सरोज काव्य गौरव सम्मान, पंडित शशिकान्त मिश्रा पूर्वी चम्पारण को साहित्य सरोज साहित्य प्रेरक सम्मान, राम भोले शर्मा पाागल हरदोई को गोपाल राम गहमरी नवप्रवेशी सम्मान, रमेश सिंह यादव गाजीपुर को विश्वनाथ सिंह गहमरी काव्य गौरव सम्मान, रवीन्द्र शाहाबादी आरा को वीर मैगर सिंह काव्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर श्री परिश्रित सिंह ने कहा कि साहित्यकारों का एक अपना अगल ही इतिहास है उनका अपना एक अलग ही वर्ग है वह देश के हालात पर न सिर्फ चिंन्ता करते बल्कि अपने चिंतन से जनता को जागृत करते हैं, गोपाल राम गहमी ने अपने समय में हिंदी साहित्य के प्रति लोगो जागृत किया, लोगो में हिंदी पढ़ने सोचने समझें की शक्ति को विकसित किया, अपनी लेखनी से रहस्य और रोमांच को अलग ही आयाम दिया, जिसका पूरा साहित्य जगत कायल रहा।
सम्मान समारोह में साहित्यकारों को संबोधित करते हुए आयेाजक अखंड गहमरी ने कहा कि इस कोरोना काल में देश के साहित्यकारों ने अपने लेखों, कविता कहानीयों के माध्यम से लोगो में जागरूकता पैदा किया। उन्होनं लोगो को अपनी रचनाओं के माध्यम से नर्वस होने से बचाया, जब लाकडाउन में लोग घरों में बंद थे उस समय वह कविता कहानी न सिर्फ सुन कर समय काट रहे थे बल्कि लोगो ने लेखन के क्षेत्र मे भी खुद को स्थापित करना शुरू कर दिया। आज यहॉं इस कार्यक्रम में आये साहित्यकार आम साहित्यकार नहीं है, वह इस काल में गहमर पहुँच कर ये साबित कर दिये कि उनका साहित्य प्रेम किस दर उन पर हावी है।
कार्यक्रम में उमेंश बाबा, आर्दश सिंह, आनंन्द सिंह, राजदेव सिंह, आनंन्द सिंह, प्रशांत सिहं, अंश राज सिंह, मौजूर रहे। कार्यक्रम का अंतिम चरण कवि सम्मेलन के रूप में देर आयोजित किया जायेगा।
[09:53, 12/22/2020] साहित्य सरोज: 6वॉं गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह 2020 एक संस्मरण प्रथम भाग गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन 2020 पर जैसे 2019 में एन आर सी का साया था उसी प्रकार इस वर्ष इस कार्यक्रम पर कोरोना का साया था, लेकिन कोराना और कोरोना काल में भी गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन 2020 अपनी जंग जीत चुका था, मगर शायद भारत के रेल मंत्रालय को यह जीतती हुई जंग नागवार लगी और 16 दिसम्बर 2020 से लगातार अधिसूचना जारी कर दिल्ली एवं विभिन्न मार्गो से चलने वाली ट्रेनों को एक के बाद एक कैसिंल करने का उपक्रम शुरू कर दिया, जिससे दिल्ली, कोटा, मथुरा, चंडीगढ़, खगडिया, गुवाहटी से आने वाली ट्रेनों को रद्व करना शुरू कर दिया। जिससे हमारे वह साहित्यकार जो महीनों से तैयार बैठे थे बैठे ही रह गये। लेकिन आप के भी इस अखंड गहमरी ने प्रण कर रखा था कि गोपाल राम गहमरी की स्मृति में होने वाले इस कार्यक्रम की कड़ी जो 2015 से शुरू हुई है वह टूटेगी नहीं। 04 दिसम्बर 2020 से गाँव के कुछ उत्साही युवको ने गहमर में ट्रेन ठहराव को लेकर आंदोलन छेड़ दिया और मुझे भी आदेशित किया कि मैं अपना सब कार्य छोड़ कर उनके साथ चलूँ। जब सवाल मातृभूमि पर आ जाये और नवयुवक आदेशित करें तो यह उनके आदेश को न मानना संभव ही नहीं।
मैं जानता था कि कार्यक्रम के नजदीक आने के बाद मैं इस कार्यक्रम से ध्यान हटा नहीं सकता था। इस वर्ष मुझे कार्यक्रम में आर्थिक सहयोग की भी जरूरत थी जो मैं पहले ही कह चुका था। मैं नवयुवको के आन्दोलन में लिपट गया और सारी तैयारी सोशलमीडिया के द्वारा ही करता रहा। दिनांक 17 दिसम्बर की शाम रेलवे द्वारा मॉंग मान लेने पर नवयुवको ने धरना खत्म कर दिया, मगर 17 बीत चुका था, घर आते आते रात के 10 बज गये।
कार्यक्रम की सूचना अखबारो में भी प्रकाशित नहीं हुई थी जिससे गॉंव के आम जनमानस को भी पता नहीं चल पाया कि कार्यक्रम हो रहा है। आम जनमानस की बात तो दूर है अपने लोगो को भी पता नहीं चल पाया कि कार्यक्रम हो रहा है, ऐसे में आमंत्रण और चंदा दोनो बड़ा कठिन था। हर बार की तरह मैने सोचना बंद कर दिया था कि कैसे हो क्या हो,। मैनें एक छपी छपाई रसीद सहयोग के लिए गहमर क्षेत्रवासीयों एवं साहित्य सरोज पत्रिका के प्रकाशन मंडल से मदद के लिए पोस्ट कर दिया और जनमानस को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित कर दिया । रसीद केवल गहमर क्षेत्र के लिए था मगर उस पर अपना हक जमाते हुए गाजियाबाद की श्रीमती रेनुका सिंह, चंडीगढ़ से श्रीमती किरण बाला जी, पूना से प्रबुद्व घोष जी, सिवनी से राम कुमार चतुर्वेदी जी और गहमर से पिंटू सिंह (मेन रोड पर सिमेंट की दुकान), आनंद मोहन सिंह(पकड़ीतर), आदर्श सिंह सिकरवार, अभिषेक सिंह चंदन (गहमर स्टेट बैंके के समाने बिजली सामानो की दुकान) ''परीक्षित बाबा, मन्नु सिंह, मीरा देवी चौरसिया, सुनील जायसवाल, मनीष सिंह बीटू, राजदेव बाबा जी और ने आगे बढ़ काफी हद तक मेरे आर्थिक बोझ को कम कर दिया।
अब कार्यक्रम 19 को शुरू होना था, दोपहर तक लगभग पूरी तैयारी हो चुकी थी, मगर अतिथियों की कम संख्या पहुँचने एवं ठंड के अधिक प्रभाव के कारण कार्यक्रम कुछ विलंब हुआ, तभी एक बात जो हिंदू धर्म के अनुसार कार्यक्रम को 19 को कार्यक्रम प्रारंभ करने से रोक रही थी, जिसकी चर्चा आये हुए अतिथियों से किया गया तो सबने उसे सही बताया और कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत शनिवार को करने से मना कर दिया।
शेष आगें
[12:57, 12/22/2020] साहित्य सरोज: भव्य कवि सम्मेलन के साथ समाप्त हुआ गहमर का गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन।
गहमर। साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा प्रसिद्व जासूसी उपन्यासकार गोपाल राम गहमरी की स्मृति में आयोजित 6वे गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन के दूसरे दिन सोमवार को गहमर के विभिन्न स्कूल की बच्चीयों द्वारा लोकनृत्य एवं लोक गायन की प्रस्तुति व सम्मान समारोह के बाद
[13:19, 12/22/2020] साहित्य सरोज: भव्य कवि सम्मेलन के साथ समाप्त हुआ गहमर का गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन।
गहमर। साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा प्रसिद्व जासूसी उपन्यासकार गोपाल राम गहमरी की स्मृति में आयोजित 6वे गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन के दूसरे दिन सोमवार को गहमर के विभिन्न स्कूल की बच्चीयों द्वारा लोकनृत्य एवं लोक गायन की प्रस्तुति व सम्मान समारोह के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कवि सम्मेलन के मुख्यअतिथि अभिमन्यु सिंह एवं अध्यक्षता गहमर इन्टर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य हरेराम सिंह ने किया।
कवि सम्मेलन की शुरूआत बक्सर बिहार से आये उमेश पाठक रवि जी के सरस्वती वंदना होते जो सपने हजार ये मईया से हुई।
सरस्वती वंदना के बाद हरदोई से आये आर बी शर्मा पागल ने अपनी ग़जल हवाओं ने कियें रंगी ईशारे तुम नहीं आये, गुजरती जा रहीं दिलकश बहारे तुम नहीं आये सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रयागराज से आये कार्तिकेय मिश्रा ने मन आवाज देता है करो कुछ तो ऐसा, छल जाये जअ बस से तो ने अपनी क
[13:38, 12/22/2020] साहित्य सरोज: भव्य कवि सम्मेलन के साथ समाप्त हुआ गहमर का गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन।
गहमर। साहित्य सरोज पत्रिका द्वारा प्रसिद्व जासूसी उपन्यासकार गोपाल राम गहमरी की स्मृति में आयोजित 6वे गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन के दूसरे दिन सोमवार को गहमर के विभिन्न स्कूल की बच्चीयों द्वारा लोकनृत्य एवं लोक गायन की प्रस्तुति व सम्मान समारोह के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कवि सम्मेलन के मुख्यअतिथि अभिमन्यु सिंह एवं अध्यक्षता गहमर इन्टर कालेज के पूर्व प्रधानाचार्य हरेराम सिंह ने किया।
कवि सम्मेलन की शुरूआत बक्सर बिहार से आये उमेश पाठक रवि जी के सरस्वती वंदना होते जो सपने हजार ये मईया से हुई।
सरस्वती वंदना के बाद हरदोई से आये आर बी शर्मा पागल ने अपनी ग़जल हवाओं ने कियें रंगी ईशारे तुम नहीं आये, गुजरती जा रहीं दिलकश बहारे तुम नहीं आये सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रयागराज से आये कार्तिकेय मिश्रा ने मन आवाज देता है करो कुछ तो ऐसा, चले जाये जब जग से तो नाम रह जाये।
वही जमानियाँ गाजीपुर से आये रमेश सिंह यादव ने बंधन से खूब लड़ी बेटियाँ, तभी तो टूट रही बेड़िया सुना कर बेटियों के वर्तमान दशा पर सोचने को मजबूर कर दिया। वही पूर्वी चंम्पारण से आये निराला स्वामी ने गम पे रोने वाले गम को पीना सीख लें, प्यार करना हर दिलो से रहम करना सीख लें , सुना कर खूब वाहवाही बटोरी।
इस क्रम में डा. जर्नादन सिंह, रत्नेश ओझा राही, डा.कमल सिंह ने अपनी रचना सुना कर वाहवाही लूटी।
इस अवसर पर मुख्यअतिथि पूर्व कबीना मंत्री के प्रतिनिधि मन्नु सिंह ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है मगर हर क्षेत्र की तरह इस साहित्य के दर्पण पर भी धूल जम रही है, हम वरिष्ठ साहित्यकारों का आह्वान करेगें कि वह इस जमी धूल को साफ कर आने वाली पीढ़ी को सही आइना दिखाये।
समारोह का समापन करते हुए आयोजक अखंड गहमरी ने कहा कि कोरोना काल में ठंड के प्रभाव को निष्प्रभावी कर आप का गहमर आना कम महत्वपूर्ण बात नहीं है, आपके आने और आप के सानिध्य में रहने से हमारे ग्रामीण परिवेश की जनता को बहुत कुछ सीखने को मिला जिसके लिए हम आपके आभारी हैं।
अंत में सभा के अध्यक्ष ने इस सभा को सितम्बर 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया।
कवि सम्मेलन का संचालन मिथिलेश गहमरी ने किया। बक्सर से आये बिहार साहित्य परिषद ने अखंड गहमरी इस आयोजन के लिए शौर्य सम्मान से सम्मानित किया।
मंगलवार, 3 अगस्त 2021
6वॉं गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन एवं सम्मान समारोह 2020 एक संस्मरण
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