रविवार, 17 फ़रवरी 2019

60 साल पहले गजग‍िमिनयॉं

60 साल पहले।
(दिल्‍ली बनारस बस यात्रा के दौरान)
आज तो मेरी गजगमिनियाँ के पाँव ही जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। मुझे बार- बार वाटस्प काल करके कभी अपना लहँगा दिखाती, तो कभी झुमका, टीका, नथिया। बला सी खूब सूरत लग रही थी वो,लगे भी क्यों न आज तो वह मेरी प्रेमिकाओं के बंधन से निकल कर मेरी प्राणो की प्यासी, अरे स्वारी प्राणो की प्यारी पूरीधांगनी बनने जा रही थी। मैं भी सजा-धजा बकलोलपुर एयरपोर्ट पर टहल रहा था, समय काटे नहीं कट रह रहा था। कभी मोबाइल तो कभी घड़ी में समय देखता। अभी तो पूरे 20 मिनट थे मेरी प्लेन आने में, आज उसे भी दुलहन की तरह सजाया जा रहा था। समय पूरा होने को ही था कि जहर से बुझे तीर की तरह मेरे कानो में फ्लाईट के 4 घंटे देर से आने की सूचना मेरे मामा ने दिया। मैं तो उनके पर पिल ही पड़ा '' बड़ी तारीफ करते थे इस बटेसरी फ्लाईट कम्पनी की, कभी देर नही होती हैं, ये है, वो हैं, अब क्या हुआ ? मेरे मामा अचानक ही मेरे द्वारा लगाये इस बाउंसर को संभाल नहीं पाये, वह मामी रूपी हेलमेट को देखने लगे, मामी के चेहरे से शायद उन्‍हें बोलने की प्रेरणा मिल गई, मेरे द्वारा फेंके गये बाउन्‍सर को वह समझ गये और अपने मुहँ रूपी बैट से प्रहार किया'' भानजे ये तो तकनीकि चीज है कभी भी खराब हो सकती है'' इस में कम्‍पनी की क्‍या गलती? जब किसी चीज का रख्‍ा रखाव ठीक नहीं होगा तो ऐसा ही होगा, कम्‍पनी खोलने से पहले तो यह तरह तरह के दावे करते है, मगर जब हकीकत से सामना होता है तो टाॅय, टॉंय फिस'' मैने उखड़ते हुए कहा। अरे भानजे क्‍यों व्‍याकुल हो रहे हो इतना अपनी गजगमिनियॉं से मिलने के लिए जरा इन्‍तजार करों, मैने भी तुम्‍हारी मामी से मिलने के लिए पूरे 24 घंटे ट्रेन में इन्‍तजार किया '' मामा ने मामी के चेहरे की तरफ देखते हुए कहा। मामा मोदी जी की तरह 60 साल और 70 में क्‍या हुआ जैसी बात मत करों, हमने आज की व्‍यवस्‍था देखी है कल की नहीं। हम तुम्‍हारी तरह शादी के बाद मामी का चेहरा नहीं देखेेगें, हमने तो अपनी गजगमिनियॉं को देख कर ही उसे घुघॅंट में लायेगें। तुम्‍हारी बारात बैलगाड़ी से गई तो क्‍या हम ये आशा करें मेरी भ्‍ाी बारात बैलगाड़ी से जायेगी। अब मामा के माथे पर पसीना आ गया, मामी ने आगे बढ़ कर मोर्चा संभाला, बेटा न परेशान हो तुम्‍हारी गजगमिनयॉं अभी तैयार हो रही होगी, बारात आने का समय 10 बजे का था न तो वह 1 बजे से पहले तैयार नहीं होगी, तुम्‍हारे मामा जब मुझे व्‍याह कर लाये थे तो 3 से 6 पिक्‍चर का टिकट लाते और मुझसे 12 से 3 बताते थे, तब भी फिल्‍म शुरू होने के बाद ही मैं पहुँच पाती थी। मैं तो कुछ सुनने को तैयार नहीं था , मेरी निगाहों में तो बस गजगमिनियॉं ही छाई हुई थी। हाय रे मेरी गजगमिनियॉं कितना इन्‍तजार मेरा कर रही होगी, घूप में उसकी रंगत काली हो रही होगी। सही कहा जाता है कि मामा पर भरोसा करके पचताना, न करके पचताना। मैने मामा से फिर पूछा मामा कहॉं है आपकी ज‍हजिया? अब मामा के सब्र का बाध मोदी जी के सर्मथको जैसा टूट चुका था, मेरी बारात 2 दिन में पहुँची थी बैलगाड़ी से और तुम 1 घंटे बर्दाश्‍त नहीं कर सकते हो, मामा ने आव देखा न ताव चिल्‍ला पड़े। गुस्‍सा मुझे भी आ गया, क्‍यों पैदा हुए आप उस जमाने में जब संसाधन नहीं थे आज की तरह, पैसा नहीं था आज की तरह। आज मेरा जमाना है संसाधन है पैसा है तो मैं क्‍यों देर सहूँ, मुझसे बर्दाश्‍त नहीं होता है। मुझे तुरन्‍त पहुँचना है अपनी गजगमिनियाँ के पास। अब आप पर भ्‍ाी विश्‍वास नहीं करेगें। आप को अब हटाना होगा मुझे अपने साथ से। तभ्‍ाी बगल में मामा के मामा उनके समर्थन्‍ा में बोल पड़े, क्‍यो दोष दे रहे हो इनका, इन्‍होनें तो व्‍यवस्‍था किया ही था तेजी का मगर जब प्‍लेन में खराबी आ गई तो क्‍या करेंगे, क्‍या आज पहली बार किसी प्‍लेन में खराबी आई है क्‍या। अब मेरा दिल टूट रहा था, मैने टूटती सॉंस से कहा '' मामा जी जब प्‍लेन कम्‍पनी ये जानती है थी कि संचालन और वक्‍तव्‍य में अन्‍तर होता है तो उसे दावे नहीं करने चाहिए जैसे नेता चुनाव से पहले देते है। ऐसा कुछ नहीं होता भानजें के भानजें तुम्‍हारी ऑंखो पर अभी मेरी होने वाली बहू का पर्दा पड़ा है तुम कुछ देख नहीं पा रहे हो, मामा ने तुम्‍हारे विवाह में कितना कार्य किया है, ये किया वो किया।
आप भी मामा के मोदी भक्‍त हो गये हो क्‍या, मामा ने जो जो कहा वो किया नहीं, जो हमें चा‍हिए था, जिसके लिए हम उनको अपने साथ लाये, उनकी बातें माने, और आप बाते करते हैं, दुनिया जहान की। मुझे जो चाहिए जिसके लिए मैने मामा पर भरोसा किया वो कहॉं है, मुझे पहले वो चाहिए, बाद में सब। बेटा अगर तुम अपने मामा को अपने साथ से हटा दोगो तो क्‍या आने वाला समय तुम्‍हारी समस्‍या दूर कर देगा, मेरे मामा के मामा ने कहा। तभी मेरे मोबाइल की घंन्‍टी बजी, मैं जल्‍दी से मोबाइल लिया, मेेरे गजगमिनियॉं का वीडियों काल था, वह अपने सूपनखे से चेहरे पर गुस्‍सा लिये बोली, जो आदमी विवाह करने में समय से नहीं पहुँच सकता, जो केवल झूठा वादा करता हो मैं उससे विवाह नहीं कर सकती, आज के बाद फोन मत करना,कहते हुए उसने फोन काट दिया, मैने बहुत ही प्रयास किया मगर फोन नहीं उठा। लानत हो ऐसे प्‍लेन कम्‍पनी पर जिसने अपना वादा पूरा न करके मेरा विवाह तोड़वा दिया। हाय रे मेरी गजगमिनयॉं, हाय रे हाय टूटी मेरी शादी। हो गई मेरी बरबादी। हम भी लुट गये वैसे ही जैसा आज मेरा हिन्‍दू समाज लुट गया, कुछ तो आज के काम की तुलना 60 वर्षो से करके अपने मन को शांति देते हैं। मैं कैसे दूँ, 60 साल तो संसाधन बनाने में निकल गये, और फिर हमें आज के आधुनिक जमाने में 60 साल के कामों से तुलना ही करनी होती तो फिर आप की क्‍यों, कोई भी अच्‍छा है, आखिर वह भी तो कुछ करेगा, सबके अपने अपने दिमाग है। तुलना ही तो करनी है, मैं ही प्रधानमंत्री बन जाता हूँ, आखिर मेरी भी गजगमिनियॉं तो मेरे साथ नहीं है।
अखंड गहमरी, गहमर गाजीपुर ।।

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