लगे हैं जख़्म जो दिल पे, जरा दिखला के देखीये
जले सपने तुम्हारे भी, उन्हे बतला के देखीये
कहॉं से सीख आये दर्द में भी मुस्कुराना तुम
मरेगें सोच ये दुश्मन, कभी अजमा के देखीये।।
जले सपने तुम्हारे भी, उन्हे बतला के देखीये
कहॉं से सीख आये दर्द में भी मुस्कुराना तुम
मरेगें सोच ये दुश्मन, कभी अजमा के देखीये।।
अखंड गहमरी
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