घर बैठें लाखों कमाए, ये जानीयें, वो जानीयें, घरती पर खतरा, यूटियूब चैनल कैसे करें monetization जैसे तमाम लुभावने देकर अपनी तरफ आकर्षित करने वाले यूटियूब पर ज्ञान के देवता आये दिन हजारों की संख्या में ज्ञान बाँटते दिखाई देते हैं। वीडियों की शुरूआत हुई नहीं कि आधा समय तो वह अपनी महिमा गाते और चैनल को सस्क्राइव करने की बात कहते हुए वीडियो को पूरा देखने की बात कहते नज़र आते है। यहॉं तक तो सब ठीक है। परन्तु जब यह ज्ञान के देवता अपनी जानकारीयों की घुट्टी हमें पिला कर चले जाते हैं और हम उसका हकीकत के धरालत पर प्रयोग करते हैं तो खोदा पहाड़ निकली चुहिया की बात प्रमाणित हो जाती है।
वर्तमान समय में यूटियूब चैनल का रूप पूरा बदल चुका है। विगत 10-12 सालो में यूटियूब पर दर्शकों की संख्या भले नहीं उतनी बढ़ी है मगर यूटियूबर की संख्या में बेतहासा इजाफा हुआ है। पैसे और प्रतिष्ठा के सपने संजोये यूटियूब की तरफ आते हैं और अपने चैनल को बना कर उस पर वीडियों डालना शुरू करते हैं। हमें ज्ञान का खुद पता नहीं लेकिन हम ज्ञान देने लगते है। अपने अनुभवों को इस कदर शेयर करने लगते हैं जैसे भगवान राम ने लंका युद्व के अनुभव को शेयर किया हो। आपकी मदद का वीडियों जब आप देखना शुरू करते हैं तो आपको लगेगा कि भवसागर आप पार कर लेगें, परन्तु वीडियों की समाप्ती तक वही सब टायटाय फिस हो जाता है।
मैं आपको अपने दो अनुभव शेयर करता हूँ।
मैं यूटियूब का प्रयोग वीडियों इत्यादि डालने के लिए लगभग 2009 से कर रहा था। गहमर गॉंव पर आधारित कुछ वीडियो बनाता और डालता। आपको पता ही है कि गॉंव तक पहुँचते पहुँचते विकास बूढ़ा हो जाता है। सस्क्राइबर, monetization जैसे शब्द तो मुझे पता ही नहींं। इस की जानकारी तो तब हुई जब वर्ष 2015 में एक गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन के चक्कर में दिल्ली गया और अपने मौसी के लड़के देवेन्द्र ऊर्फ बमबम के पास ठहरा था। रात में हम और उसके कुछ दोस्त साथ बैठे थे। हँसी मज़ाक का दौर चल रहा था। इसी बीच उसने मेरे मोबाइल में उसने यूटियूब खोल दिया मेरे एक वीडियो पर उसने काफी संख्या में व्ययू देखा तो उसके नकहा कि आपको इससे पैसे नहीं मिलते हैं। मैने कहा नहीं। तो उसने न जाने क्या क्या सेटिंग की और कहा कि आप चैनल तो monetizationहै। आपको तो पैसे मिलने चाहिए।
मैं आपको अपने दो अनुभव शेयर करता हूँ।
मैं यूटियूब का प्रयोग वीडियों इत्यादि डालने के लिए लगभग 2009 से कर रहा था। गहमर गॉंव पर आधारित कुछ वीडियो बनाता और डालता। आपको पता ही है कि गॉंव तक पहुँचते पहुँचते विकास बूढ़ा हो जाता है। सस्क्राइबर, monetization जैसे शब्द तो मुझे पता ही नहींं। इस की जानकारी तो तब हुई जब वर्ष 2015 में एक गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन के चक्कर में दिल्ली गया और अपने मौसी के लड़के देवेन्द्र ऊर्फ बमबम के पास ठहरा था। रात में हम और उसके कुछ दोस्त साथ बैठे थे। हँसी मज़ाक का दौर चल रहा था। इसी बीच उसने मेरे मोबाइल में उसने यूटियूब खोल दिया मेरे एक वीडियो पर उसने काफी संख्या में व्ययू देखा तो उसके नकहा कि आपको इससे पैसे नहीं मिलते हैं। मैने कहा नहीं। तो उसने न जाने क्या क्या सेटिंग की और कहा कि आप चैनल तो monetizationहै। आपको तो पैसे मिलने चाहिए।
उसने जो किया नहीं किया मैं नहीं जानता। वर्ष 2019 अगस्त में कुछ सीखते समय वह monetization एकाउन्ट डीलिट हो गया। मैं एक महीने तक यूटियूब पर उसे वापस लाने का वीडियो देखता रहा था, मगर नतीजा कुछ नहीं निकला आज भी वह वापस नहीं आया।
दूसरी बात वर्ष 2020 में जब लाकडाउन हुआ तो मेरा कम्प्यूटर खराब हो गया। मोबाइल पर काम होता रहा मैं यूटियूब चैनल में तरह तरह के वीडियों देखने लगा। खास तौर से मैने घर बैठे आनलाइन पैसे कमाने का वीडियों, कार्टून बनाने के वीडियों, यूटियूब चैनल को ग्रो करने के वीडियों जैसे कई श्रेणी के वीडियो देखें। हर वीडियों शुरू में तो हमारे उद्वेश्यों की पूर्ति करते दिखाई दिये। वीडियों सब कुछ आसान और मुफ्त बताया जाता है, लेकिन जब मैं उस वीडियों के आधार पर हकीकत के धरातल पर आता तो सब जगह या तो पैसे मॉंगे जाते या तो वह किसी के काम के नहीं निकलते। ऐसा नहीं कि मैंने घासपात वीडियों देखें मैने ऐसे ऐसे यूटिूयबर के वीडियों देखें जितने सस्क्राइवर लाखो में हैं। कोई फायदा नहीं आया। मैं ये नहीं कहता हूँ कि सब गलत है, मगर इतना जरूर है कि यूटियूब पर जो ज्ञान के भंडार का सागर है उसमें मोती बहुत कम पत्थर ही आपको अधिक मिलेगें, इस लिए आप अपने ज्ञान के विस्तार में आपसी सहयोग और अपने विवेक से जानकारों को खोज कर हकीकत के धरातल पर ज्ञान प्राप्त करें, यूटियूब के चक्कर में न आये, यह सिर्फ आपको समय के साथ साथ पैसे की बर्बादी छोड़ कर कुछ नहीं देगा।
दूसरी बात वर्ष 2020 में जब लाकडाउन हुआ तो मेरा कम्प्यूटर खराब हो गया। मोबाइल पर काम होता रहा मैं यूटियूब चैनल में तरह तरह के वीडियों देखने लगा। खास तौर से मैने घर बैठे आनलाइन पैसे कमाने का वीडियों, कार्टून बनाने के वीडियों, यूटियूब चैनल को ग्रो करने के वीडियों जैसे कई श्रेणी के वीडियो देखें। हर वीडियों शुरू में तो हमारे उद्वेश्यों की पूर्ति करते दिखाई दिये। वीडियों सब कुछ आसान और मुफ्त बताया जाता है, लेकिन जब मैं उस वीडियों के आधार पर हकीकत के धरातल पर आता तो सब जगह या तो पैसे मॉंगे जाते या तो वह किसी के काम के नहीं निकलते। ऐसा नहीं कि मैंने घासपात वीडियों देखें मैने ऐसे ऐसे यूटिूयबर के वीडियों देखें जितने सस्क्राइवर लाखो में हैं। कोई फायदा नहीं आया। मैं ये नहीं कहता हूँ कि सब गलत है, मगर इतना जरूर है कि यूटियूब पर जो ज्ञान के भंडार का सागर है उसमें मोती बहुत कम पत्थर ही आपको अधिक मिलेगें, इस लिए आप अपने ज्ञान के विस्तार में आपसी सहयोग और अपने विवेक से जानकारों को खोज कर हकीकत के धरातल पर ज्ञान प्राप्त करें, यूटियूब के चक्कर में न आये, यह सिर्फ आपको समय के साथ साथ पैसे की बर्बादी छोड़ कर कुछ नहीं देगा।
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